सोमवार को मल्हा समाज द्वारा कवर्धा में गुहा निषाद जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान मल्हा समाज के युवाओं ने रक्तदान शिविर का एक विशेष आयोजन भी किया रक्तदान शिविर में युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और रक्तदान किया और साथ ही रक्तदान करने की प्रेरणा भी दी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर थे।
निषादराज गुहा कौन थे?
केवटराज निषाद के पुत्र गुहराज निषाद ने अपनी नाव में प्रभु श्रीराम को गंगा के उस पार उतारा था। आज गोरा निषाद के वंशज और उनके समाज के लोग उनकी पूजा अर्चना करते हैं। चैत्र शुक्ल पंचमी को उनकी जयंती होती है। वह मछुआरों और नाविकों के राजा थे। उनका पूर्व में राज था। उन्होंने प्रभु श्री राम को गंगा पार कराया था। वनवास के बाद श्रीराम ने अपनी पहली रात उन्हीं के यहां बिताई थी। श्रृंगवेरपुर में इंगुदी (हिंगोट) का वृक्ष हैं, जहां बैठकर प्रभु ने निषादराज गुह से भेंट की थी। राम को जब वनवास हुआ तो वाल्मीकि रामायण और शोधकर्ताओं के अनुसार वह सबसे पहले तमसा नदी पहुंचे थे, जो अयोध्या से 20 किलोमीटर दूर है। इसके बाद उन्होंने गोमती नदी पार की और प्रयागराज (इलाहाबाद) से 20-22 किलोमीटर दूर वह श्रृंगवेरपुर पहुंचे थे। जो निषादराज गुह का राज्य था। यहीं पर गंगा के तट पर उन्होंने केवट से गंगा पार करने को कहा था।



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